कॉपेरेटिव वर्ल्ड की शक्तिशाली वकील और उद्यमी ज़िया मोदी की सफलता की कहानी

“अगर आप किसी काम के प्रति प्रतिबद्ध हैं तो आप सभी चुनौतियों को दूर कर सकते हैं | इसका रहस्य है- करते रहो, करते रहो, करते रहो, करते रहो और कभी हार मत मानों |”

ज़िया मोदी एक भारतीय कानूनी सलाहकार हैं | वे कॉर्पोरेट विलय और अधिग्रहण कानून, प्रतिभूति कानून, निजी इक्विटी और परियोजना वित्त क्षेत्र के लिए जानी जाती हैं |

वह एजेडएम एंड पार्टनरस (AZM & Partners) की संस्थापक है जिसे विलय और अधिग्रहण के लिए शीर्ष लॉ फार्मों के बीच पहला स्थान प्राप्त है |

ज़िया मोदी भारत के अग्रणी कॉर्पोरेट वकीलों में से एक है | उन्हें भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानूनी दुनिया में उनके योगदान के लिए पहचाना जाता है | उन्होंने जीई, टाटा ग्रुप, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आदित्य बिड़ला ग्रुप और वेदांत ग्रुप के साथ काम किया है | वह केकेआर, बैन कैपिटल और वारबर्ग पिंक्स सहित बड़े निजी इक्विटी घरानों की भी सलाहकार हैं | 

ज़िया मोदी 2018 और 2019 में फॉर्च्यून इंडिया द्वारा सबसे शक्तिशाली महिला उद्यमियों में प्रथम स्थान पर रहीं |

प्रसिद्ध भारतीय कानूनविद और भारत के पूर्व अटार्नी जनरल, सोली सोराबजी की बेटी ज़िया मोदी ने एक इंटरव्यू में यह बताया था कि उनके बड़े होते समय, उनके परिवार में डिनर टेबल पर चर्चा का विषय केवल लॉ हुआ करता था | उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें अपना करियर लॉ में ही बनाना है | स्वाभाविक रूप से, उनके पिता ही उनकी प्रेरणा और संरक्षक हैं |

ज़िया मोदी का कहना है कि “महिलाएं चीजों को समझें, अपने काम के प्रति ईमानदार रहें, कुछ समय में कुछ चीजें मुश्किल होती हैं | मुझे लगता है, आर्गेनाइजेशन को थोड़ा और लचीला होने की जरुरत है | जो की महिलाओं और साथ ही साथ पुरुषों के लिए भी महत्वपूर्ण है | आप महिलाओं को दूसरे दर्जे के नागरिक नहीं बना सकते वो भी सिर्फ़ इसलिए की उनकी और भी जिम्मेदारीयां हैं | आज भी महिलायें क़ानूनी व्यवसाय में बहुत कम हैं, लेकिन आने वाले समय में यह निश्चित ही उनकी संख्या बढ़ेगी |”

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ज़िया मोदी अपनी सफलता का श्रेय अपने पति और परिवार को देती हैं |

ज़िया मोदी का यह सफर आसान तो बिल्कुल नहीं था, एक तो उस दौरान यह पुरूष प्रधान क्षेत्र था | ऐसे में उनका संघर्ष और निरंतर प्रयास प्रेरणा से कम नही हैं |

तो आइए जानते है, ज़िया मोदी की सफलता की कहानी..

प्रारंभिक जीवन

ज़िया मोदी 19 जुलाई 1956 में पारसी परिवार में जन्मी | वह भारत के पूर्व अटार्नी जनरल, सोली सोराबजी की बेटी हैं, पारसी होने के बाद भी वह बहाई समुदाय की सक्रिय सदस्य हैं |

उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के एलफिंस्टन कॉलेज में हुई | उन्होंने कैम्ब्रिज के सेल्विन कॉलेज में कानून की पढ़ाई की, उसके बाद 1979 में हार्वर्ड लॉ स्कूल से मास्टर डिग्री ली | ​​उन्होंने न्यूयॉर्क स्टेट बार की परीक्षा उत्तीर्ण की और न्यूयॉर्क में बतौर वकील के रूप में योग्यता प्राप्त की |

भारत लौटने से पहले, उन्होंने न्यूयॉर्क शहर में बेकर एंड मैकेंज़ी के साथ पांच साल तक काम किया |

उन्होंने एक बिजनेस टाइकून जयदेव मोदी, डेल्टा कॉर्प के अध्यक्ष से शादी की | उनकी तीन बेटियाँ है, अंजली, आरती और अदिति |

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कानून के प्रति ही लगाव क्यों बढ़ा

ज़िया मोदी ने हाईस्कूल की पढ़ाई ख़त्म करते ही कानूनी शिक्षा प्राप्त करने का मन बना लिया था | एक रिपोर्ट के अनुसार वह कहती हैं, 

“मैं अपने पिता से बहुत प्रभावित हुई | वे लगातार काम करते थे | हमारी डाइनिंग टेबल पर सभी कानूनी मामलों और कानून के अन्य पहलुओं के बारे में बातचीत होती थी | मेरा कानून के प्रति प्यार बचपन से ही उत्पन हो रहा था |”

शुरूआती करियर 

हार्वर्ड लॉ स्कूल के बाद, ज़िया मोदी अपनी शादी के लिए वापस भारत आ गयीं | शादी के बाद में वह अमेरिका वापस लौट गईं | वहाँ वह दुनिया की सबसे बड़ी कानून फार्मों में से एक बेकर और मैकेंजी में शामिल हो गईं |

न्यूयॉर्क में उन्होंने पांच साल बेकर और मैकेंजी के लिए काम किया | ‘नॉर्मन मिलर’ वहाँ उनके गुरु बने और उन्हें प्रशिक्षित किया |

ज़िया मोदी ने पांच साल बाद भारत आने का निर्णय लिया | जब वह वापस आईं, उस दौरान भारत में कोई कानूनी फार्म नहीं थे | उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय में ओबेद चिनॉय की जूनियर वकील के रूप में भारत में अपने करियर की शुरूआत की | 

वह समय मुश्किलों भरे थे, क्योंकि अदालत में शायद ही कोई महिला वकील होती थी | ग्राहक अपने मामलों के लिए महिला वकील नहीं चाहते थे | 

यह सब शुरू में तनावपूर्ण रहा, लेकिन ज़िया मोदी ने हार न मानी और उनके लगातार प्रयासों का ही परिणाम है जो आज अपने क्षेत्र में जानी मानी हस्ती हैं |

जब आप लगातार मेहनत करते रहते हैं तो मुश्किल दरवाजे और अवसर आप के लिए खुलते जाते हैं | अगर आप किसी काम के प्रति प्रतिबद्ध हैं तो आप सभी चुनौतियों को दूर करने में सक्षम होते जाते हैं |

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एजेडएम ऐंड पार्टनर्स की शुरूआत

ज़िया मोदी ने एजेडएम एंड पार्टनर्स फर्म की स्थापना 1995 में की और कॉर्पोरेट वकील बनने का निर्णय किया | 

उद्यमशीलता के विषय में, ज़िया मोदी का मानना हैं, “जब आप वकील होते हैं, आप किसी के जूनियर होते हैं | वह अपना कुछ बेहतर करना चाहती थी | 1990 का समय बिलकुल सही था, उस समय उदारीकरण के कारण भारत में बदलाव आ रहा था | बहुत सी विदेशी कम्पनियां भारत में स्थापित हो रहीं थी | उस समय भारत का कॉर्पोरेट जगत तेजी से उभर रहा था |” 

उनके शुरूआती ग्राहक अमेरिकी थे, जिनसे वह अपने अमेरिकी दोस्तों और अपने पुराने साथियों के माध्यम से मिलीं | 

उन्होंने उस समय शुरुआत की जिस समय भारत में बहुत से क़ानूनी बदलाव हो रहे थे | वह हर दिन अपनी कार्य नीतियों में सुधार करती रहीं | वह एक छोटे स्तर से शुरूआत कर रहीं थी और धीरे-धीरे ग्राहकों को विश्वास दिलाने में कामयाब होती गईं | 

ज़िया मोदी समय और प्रतिबद्धता की दृष्टि से हमेशा बेहतरीन कोशिशें करती रहीं | समय के साथ-साथ उनकी प्रतिष्ठा बढ़ने लगी है और उन्हें अधिक से अधिक काम मिलने लगे |

उन्होंने फोर्ब्स की “पॉवर वीमेन इन बिजनेस” की सूची में और फॉर्च्यून इंडिया द्वारा प्रकाशित शीर्ष 50 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में जगह बनाई |

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अन्य योगदान

ज़िया मोदी हांगकांग और शंघाई बैंकिंग कॉरपोरेशन, हांगकांग के उपाध्यक्ष और निदेशक के रूप में कार्यरत हैं | 

वह इंटरनेशनल काउंसिल फॉर कमर्शियल आर्बिट्रेशन (ICCA) के गवर्निंग बोर्ड की सदस्य भी हैं |

वह चीन अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और व्यापार मध्यस्थता आयोग (CIETAC) के मध्यस्थों के पैनल में एक नामित विदेशी मध्यस्थ हैं और CII राष्ट्रीय परिषद की सदस्य भी हैं |

ज़िया मोदी अधिनियम के कामकाज में पाई गई कई कमियों के मद्देनजर अधिनियम (2014) के प्रावधानों की समीक्षा करने के लिए ‘मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 में संशोधन’ पर भारत के विधि आयोग द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के पैनल में भी एक थीं |

छोटे व्यवसायों और कम आय वाले परिवारों के लिए व्यापक वित्तीय सेवाओं पर भारतीय रिज़र्व बैंक समिति की सदस्य हैं | 

ज़िया मोदी कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (2012) और विश्व बैंक प्रशासनिक न्यायाधिकरण, वाशिंगटन डी.सी. (2008-2013) द्वारा स्थापित कॉर्पोरेट प्रशासन पर गोदरेज समिति की भी सदस्य हैं | 

उन्होंने लंदन कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन (एलसीआईए) 2010-2013 के उपाध्यक्ष और सदस्य और एचएसबीसी एशिया-पैसिफिक बोर्ड के उपाध्यक्ष और गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में भी काम किया |

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उपलब्धियां

आरएसजी इंडिया रिपोर्ट, 2017 में एम एंड ए, सिक्योरिटीज लॉ, प्राइवेट इक्विटी और प्रोजेक्ट फाइनेंस के लिए ज़िया मोदी की प्रशंसा की गईं है | ग्राहकों ने उन्हें “भारत के अग्रणी कॉर्पोरेट वकीलों में से एक, समस्या समाधान, सावधानीपूर्वक, पूर्ण रूप से परिणाम के रूप में सराहा | वह उन्मुख और त्वरित समझ रखती हैं | ग्राहकों ने यह भी टिप्पणी की कि वह आसानी से ‘सुलभ’ है | 

उन्हें एक्रिटास स्टार 2018 द्वारा विश्व स्तर पर शीर्ष 13 महिला एक्रिटास स्टार के रूप में मान्यता दी गई थी |

साथ ही ज़िया मोदी को आईएफएलआर 1000 महिला नेताओं 2018 द्वारा 300 अग्रणी महिला लेनदेन विशेषज्ञों में से एक “अग्रणी वकील” के रूप में मान्यता दी गई थी |

ज़िया मोदी को कानूनी 500 एशिया-पैसिफिक 2018 में बैंकिंग और वित्त, कॉर्पोरेट और एम एंड ए और निवेश फंड के लिए ‘अग्रणी व्यक्ति’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है |

उन्होंने यूके इंडिया अवार्ड्स के उद्घाटन में “प्रोफेशनल ऑफ द ईयर – 2017” अपने नाम किया |

साथ ही, उन्हें IFLR1000 वित्तीय और कॉर्पोरेट गाइड 2018 द्वारा विलय और अधिग्रहण के लिए “मार्केट लीडर” और एशिया लॉ प्रोफ़ाइल 2016 से 2018 द्वारा कॉर्पोरेट / एम ऐंड ए के लिए “मार्केट लीडिंग वकील” माना गया है |

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पुरस्कार

  • एशियन लीगल बिजनेस (थॉमसन रॉयटर्स) द्वारा “इंडिया मैनेजिंग पार्टनर ऑफ द ईयर – 2016” |
  • कानूनी 500 एशिया-प्रशांत 2016 में बैंकिंग, वित्त, कॉर्पोरेट और एम एंड ए और निवेश निधि के लिए अग्रणी व्यक्ति |
  • कॉर्पोरेट / एम एंड ए के लिए स्टार इंडिविजुअल |
  • बैंकिंग और वित्त 2012 से 2016 के लिए बैंड 1 वकील | 
  • चैंबर्स एंड पार्टनर्स ग्लोबल द्वारा प्राइवेट इक्विटी 2012 से 2015 के लिए बैंड 1 वकील |
  • उन्होंने यूरोमनी एशिया वीमेन इन बिजनेस लॉ अवार्ड्स 2015 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड जीता |
  • बिजनेस टुडे ने ज़िया मोदी को सितंबर 2004 से 2011 तक कई बार भारत की 25 सबसे शक्तिशाली उद्यामिक महिलाओं में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया |
  • फाइनेंशियल एक्सप्रेस नॉलेज प्रोफेशनल ऑफ द ईयर अवार्ड |
  • उन्हें 2004 और 2006 में द इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा भारत के 100 सबसे शक्तिशाली सीईओ में से एक नामित किया गया था | 
  • वह वर्ष 2010 की बिजनेसवुमन के रूप में कॉर्पोरेट उत्कृष्टता के लिए इकोनॉमिक टाइम्स अवार्ड्स की प्राप्तकर्ता भी हैं

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Jagdisha का ज़िया मोदी के निरंतर प्रयासों और कार्यशीलता को प्रणाम |

आपसे प्रतिबद्धता और निरंतरता की प्रेरणा मिलती है, जो किसी भी क्षेत्र सफलता की ऊँचाईयों के लिए महत्वपूर्ण है 

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