जानें पीरियड्स क दौरान क्या खाएं और क्या ना खाएं

अधिकतर पुरूषों को यह कहते सुनना आम है कि एक औरत को समझना बड़ा मुश्किल है | इन औरतों के तो मूड़ या कहें कि हाव-भाव का ही कुछ पता नहीं चलता | 

सिर, पेट, कमर में दर्द, पेट में मरोड़, चिड़चिड़ाहट, जल्दी गुस्सा आना, भूख न लगना या बहुत भूख लगना, अनिद्रा जैसी समस्याओं का मुख्य कारण है हार्मोन्स |

पीरियड, महावारी या मासिक धर्म से तो आप अनजान नहीं हैं | ये पीरियड भी तो हार्मोन्स के बढ़ने या घटने का कारण है, कभी एस्ट्रोजन तो कभी प्रोजेस्टेरोन | क्या हुआ? नहीं जानते एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन क्या है | ये हार्मोन्स हैं जो पीरियड की पूरी प्रक्रिया में अपनी उपस्थिति दिखाते हैं | 

पीरियड के दौरान हर महिला को एक जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना होता | किसी को ज्यादा कुछ महसूस नहीं होता, तो किसी को सामान्य से दर्द, दूसरी ओर किसी को असहनीय दर्द को भी सहन करना पड़ता है | 

ऐसा क्यों है, इसका सटीक कारण तो शायद डॉक्टर्स भी ठीक से बता पाएं | लेकिन दैनिक जीवन में थोड़ा बदलाव और सही खान-पान इन समस्याओं से कुछ हद तक राहत अवश्य दे सकते हैं |

पीरियड चक्र भी 21 से 35 दिनों के हो सकते है | औसतन एक पीरियड चक्र 28 दिनों का होता है | 3 से 7 दिनों तक या फिर कहे औसतन 5 दिनों तक महिलाओं को पीरियड से गुजरना होता है |

आज के समय में सभी का जीवन उनकी कार्यप्रणाली के अनुरूप व्यवस्थित होता है | इस भाग-दौड़ भरी जिन्दगी में हम सब कुछ जल्दबाजी में ही करते है | पौष्टिक आहार की जगह पिज्ज़ा, बर्गर और मोमोज़ आदि ने ले ली है | योगा व एक्सरसाइज के लिए तो समय होता ही नहीं है | नाईट पार्टी, किटी पार्टी और चिल करने के नाम पर स्नैक्स, कोल्ड ड्रिंक और शराब आदि का सेवन |

हमारा खान-पान और रोजमर्रा की जिन्दगी हमारे स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालते हैं | हम जो खाते हैं उससे कौन से पोषक तत्व हमारे शरीर को मिल रहे और वह हमारे स्वस्थ्य के लिए कितना लाभप्रद हैं | क्या यह सोचा है कभी? अब फ्रेंच फ्राई, आलू-टिक्की, पेस्ट्री, नूडल, केक किसको खाना पसंद नहीं हैं? लेकिन क्या आप अपनी सेहत के साथ समझौता तो नहीं कर रहे | 

स्वाद अपनी जगह है और स्वास्थ्य अपनी जगह, कभी कभी खाने में कोई बुराई नहीं लेकिन रोज-रोज क्या सही है?

पीरियड के साथ आने वाली समस्याएं जैसे डिसमेनोरिया या मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स, पीएमएस (प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम), मेनोरेजिया या हैवी ब्लीडिंग आदि से महिलाओं को हर महीने लड़ना होता है |

पीरियड के दौरान दर्द और ऐठन के कारण महिलाएं अपना ध्यान नहीं रखती बल्कि कुछ भी खा लेती हैं | ये आदत बिल्कुल सही नहीं है | 

अगर आप भी ऐसा ही करती है, तो चलिए आज जानते है कि पीरियड के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए…

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चाय, कॉफी को कहें बाय बाय 

अब बहुत से लोगों की सुबह ही होती है चाय की चुसकी के साथ | चाय न पीना मतलब कितना बड़ा बलिदान? ऐसा कुछ महसूस हो रहा होगा लेकिन चाय, कॉफी में उपलब्ध कैफीन शरीर के लिए लाभप्रद नहीं होती | ज्यादा कैफीन का सेवन स्वस्थ्य के लिए भी हानिकारक होता है |

डॉक्टर भी चाय, कॉफी कम पीने की सलाह देते हैं | पीरियड के दौरान आपको चाय या कॉफी छोड़ देनी चाहिए | कैफीन एक प्राकृतिक उत्तेजक होता है |

कैफीन आपके शरीर की आयरन को अवशोषित करने की क्षमता को भी कम करता है, जो आपके ऊर्जा स्तर को प्रभावित करता है और पीएमएस के लक्षणों को बढ़ा सकता है |

अगर हम पीरियड के दौरान कैफीन का सेवन करते हैं तो डिहाइड्रेशन भी हो सकता है | इससे पीरियड्स के लक्षण जैसे दर्द, ऐंठन, बेचैनी आदि बिगड़ सकते हैं | 

पीरियड के समय अधिक चाय या कॉफी पीने से आपको बार-बार पेशाब के लिए जाना पड़ सकता है |

कैफीन युक्त उत्पादों के बजाय, आप ग्रीन टी, गाजर और टमाटर का सूप या किसी भी तरह की सब्जी के सूप का सेवन कर सकती हैं | इनके सेवन से पीरियड के दौरान होने वाली ऐंठन से राहत मिलेंगी |

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ना खाएं अधिक मीठा

पीरियड के दौरान हार्मोनल परिवर्तनों के कारण, रक्त शर्करा का स्तर अस्थिर हो जाता है | अधिक चीनी वाले खाद्य पदार्थ आपके रक्त में शर्करा के उतार-चढ़ाव में वृद्धि करते हैं, जिससे मूड स्विंग और तनाव बढ़ जाता है | 

इसके अलावा चीनीयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली के असंतुलन का कारण होते है जिसके कारण अपको थकान महसूस हो सकती है |

इन दिनों में केक, कुकीज, कैंडी और चीनी युक्‍त पेय आपके पीरियड के दर्द को बढा़ सकते है | 

पीरियड के दौरान महिलाओं को मीठा खाने की बहुत इच्छा होती है | लेकिन आपको इस दौरान चीनीयुक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए | मीठा खाने से कुछ समय के लिए भले ही अच्छा महसूस हो सकता है लेकिन इनका सेवन आपके पीरियड के लक्षणों को बढा़ आपकी समस्या को जटिल कर सकता है |

अगर आपको इन दिनों मीठा खाने का मन करे तो, आप मीठे फल जैसे तरबूज, सेब आदि खा सकती हैं |

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अधिक नमक और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ से बचे

अधिक नमक का सेवन पानी के प्रतिधारण (water retention) और सूजन का कारण हो सकता है | 

महिलाओं के लिए पीरियड के दौरान अधिक नमक खाना भी समस्या उत्पन्न करता है क्योंकि इस समय अधिक नमक खाने से फूला हुआ, सुस्त और असहज महसूस कर सकती है | 

साथ ही बहुत सी खट्टी चीजें भी पीरियड के दौरान नुकसानदायक होती हैं, जैसे अचार | इसमें बहुत मात्रा में सोडियम होता है जो दर्द में वृद्धि का कारण बनता है |

संसाधित और पैक किए गए भोजन खाने से भी बचें क्योंकि ये सोडियम सामग्री में उच्च होते हैं |

आमतौर पर हमें अपने दैनिक जीवन में प्रोसेस्ड फूड यानी प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ या पैक खाद्य सामग्री कम ही खाने चाहिए | लेकिन पीरियड के दौरान इन प्रोसेस्ड चीजों जैसे फ्रोजन फूड, फास्ट फूड, डिब्बाबंद सूप आदि से बचना बहुत जरूरी है | 

आपको बिस्कुट, नमकीन, चिप्स, कुरकुरे आदि खाना पसंद हो सकता है, लेकिन इनमे उपस्थित सोडियम आपके दर्द को बढ़ाना पसंद करता है | 

इस तरह के भोजन से कब्ज और बेचैनी बढ़ सकती है, और दर्द हो सकता है |  

रिफाइंड अनाज अन्य प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की तरह हैं, वे अपना पोषण मूल्य खो देते हैं | ये उन्हें रक्त शर्करा और नियमित भूख नियंत्रण में हस्तक्षेप करने का कारण बनता है | इसलिए, पास्ता, ब्रेड या नूडल्स खाने के बजाय साबुत अनाज का सेवन करें |

महिलाएं इस समय घर का बना खाना, खिचड़ी, सलाद और दलिया खायें | जिससे काफी हद तक आप अपनी समस्या पर नियंत्रण कर सकती है | स्वाद और आलस के चक्कर में स्वस्थ्य को न बिगाड़े |

पाचनतंत्र को सुपाच्य भोजन की आवश्यकता होती है | ऐसी अवस्था में अच्छा और पौष्टिक भोजन करें |

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चटपटा और तला-भुना खाना कम खाएं 

उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों का आपके शरीर में हार्मोनल गतिविधि पर एक मजबूत प्रभाव होता है | पीरियड के दौरान हार्मोन में बदलाव लक्षणों से जुड़ा होता है जैसे कि सूजन और स्तन कोमलता |

दूसरी तरफ, संतृप्त वसा में कम आहार लेने से बचें क्योंकि इससे अतिरिक्त एस्ट्रोजेन का स्तर कम हो जाता है | 

पीरियड के दौरान किसी भी प्रकार की तली हुई चीजें न खाये, बाजार में भी नहीं बल्कि घर का बना तला हुआ खाना खाने से भी बचें | इसमें उच्च मात्रा में ट्रांस-वसा या हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल होता है और यह एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ा सकता है और बेचैनी और मूड में बदलाव का कारण बन सकता है |

साथ ही तले हुए खाद्य पदार्थ महिलाओं में मुंहासों और त्वचा की सूजन की समस्या को भी बढ़ा देते हैं, इसलिए इससे बचना ही बेहतर है |

तले हुए खाने की जगह खीरा, गाजर आदि और भुने हुए खाद्य पदार्थ खाएं |

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डेयरी उत्पादों को कहें आज छुट्टी है

पीरियड के दौरान दूध, पनीर और क्रीम जैसे डेयरी उत्पादों का सेवन करने से परेशानी हो सकती है | हालांकि दूध संतुलित आहार का हिस्सा है, लेकिन इस दौरान ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है | इनमें भारी मात्रा में एराकिडोनिक एसिड होता है और पीरियड के दौरान ऐंठन का खतरा बढ़ जाता है |

आप इन चीजों का सेवन करने के बजाय टोंड दूध और छाछ या दही को प्राथमिकता दे सकती हैं | हालांकि छाछ, दही भी डेयरी उत्पाद होते हैं लेकिन इनका सेवन आपके लिए लाभप्रद होगा | पीरियड के दौरान दही हैप्पी हार्मोन पैदा करते हैं, जो तनाव और मूड स्विंग की समस्या से राहत देने का काम करते हैं | जिससे आपको आराम महसूस होगा |

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ना करें शराब का सेवन

पीरियड के दौरान शराब के सेवन से बेचैनी बढ़ सकती है इसलिए इससे बचना चाहिए | साथ ही शराब के सेवन से पेट के निचले हिस्से में सूजन हो सकती है | 

यह पीरियड में अनियमितता का कारण भी बन सकता है और शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे पीरियड के लक्षण बिगड़ सकते हैं | इससे पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे दस्त और मितली |

शराब के सेवन की जगह आप नारियल पानी या लस्सी पी सकती हैं | यह पीरियड के दौरान आपको हाइड्रेट रखने में मददगार होगा |

आप संतुलित आहार को अपना पीरियड के दौरान होने वाली समस्याओं को कम कर सकती है | यह लेख आपको जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है | पीरियड के दौरान अधिक समस्या होने पर आप डॉक्टर या स्त्रीरोग विशेषज्ञ से उचित सलाह लें |

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