क्या आप गलत साइज की ब्रा तो नहीं पहनती? कैसे पता करें ब्रा का सही साइज?

ब्रा न केवल आपकी ड्रेस को एक लुक देती है बल्कि सही ब्रा पहनने से आपका बॉडी पोस्चर भी सही रहता है। ब्रा आपके स्तनों को सपोर्ट करने का काम करती है। अगर आप सही साइज की ब्रा नहीं पहनती है तो इससे आपके लुक के साथ-साथ आपके स्वास्थ पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

क्या आपको हमेशा अपनी ब्रा को एडजस्ट करना पड़ता है? या ब्रा पहनने के बाद आपको असहज महसूस होता है? अगर हाँ तो आप गलत साइज की ब्रा पहनती हैं और वह आपको फिट नहीं आ रही है। आपको अचंभा लगेगा लेकिन बहुत सी रिपोर्ट के अनुसार 80% भारतीय महिलाएं गलत साइज की ब्रा पहनती हैं ।

अगर आप एक लूज यानी ढीली या बड़ी साइज की ब्रा पहनती हैं तो आपको सपोर्ट नहीं मिलता, वहीं टाइट यानी तंग या छोटे साइज की ब्रा पहनती हैं तो आपको असहज और दर्दनाक महसूस होगा। इससे आपके कंधों में दर्द हो सकता है ।

अब ब्रा के साथ शर्म का भी गहरा नाता है, तो इस विषय पर महिलाएं खुल कर बात भी नहीं करना चाहती हैं । बस अंदाजे से जो ले लिया वही पहन भी लिया। अब इस बारे में बात करें भी तो किससे? 

इस बात पर तो कोई संशय ही नहीं है कि भारतीय महिलाएं अपनी ब्रा साइज को कभी मापती ही नहीं, तो फिर खराब फिटिंग की ब्रा होना कौन-सी बड़ी बात है।

अब आप ही बताओ कॉन्फिडेंट और बेहतर पर्सनैलिटी किसे नहीं पसंद। अब बाहरी दुनिया तो आपके लुक के आधार पर, सबसे पहले आपको जज करती है।

आज हम बात करेंगे सही ब्रा साइज कैसे नापें लेकिन उससे पहले सही ब्रा पहनना क्यों जरूरी है ये जान लेते है…

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सही साइज की ब्रा पहनने के लाभ

  • अगर आप सही साइज की ब्रा पहनती हैं तो आपको सहज और आरामदायक महसूस होगा। और आप बिना किसी असहजता के आपना काम बेहतर ठंग से कर सकेंगी।
  • ब्रा पहनने से आपके ब्रेस्ट यानी स्तनों को सपोर्ट यानी सहारा मिलता है। और आपके स्तनों की त्वचा ढीली नहीं पड़ती।
  • सही ब्रा पहनने से बॉडी पोस्चर सही रहता है।

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टाइट ब्रा पहनने के लक्षण

  • अगर आप टाइट ब्रा पहनती हैं तो आपकी स्किन पर रैश हो सकते हैं और इससे आपको बहुत इरिटेशन हो सकती है।
  • जब आप कोई गतिविधि करती हैं यानी हिलती-डुलती हैं तो आपकी ब्रा खिसक जाती है और लगातार आपको उसे एडजस्ट करना पड़ता है।
  • टाइट ब्रा के कारण आपके एबडोमेन पर प्रेशर पड़ सकता है और आपको एसिड रिफ्लेक्स या उसके संकेत देखने को मिल सकते हैं ।
  • आपके स्तन, ब्रेस्ट कप से बाहर निकलते रहते हैं । अगर आपकी ब्रा अंडरवायर है तो इसकी वजह से आपको दर्द भी हो सकता है। इसलिए ऐसी ब्रा को पहनने से बचें ।
  • अगर आपकी ब्रा स्तनों को सपोर्ट नही देती है और बहुत ज्यादा अनकंफर्टेबल हो तो आपको ऊपरी शरीर में दर्द भी महसूस हो सकता है।
  • यदि आपकी ब्रा के स्ट्रेस टाइट है तो आपकी स्किन के हाल भी खराब हो सकते है।

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कैसे नापें अपनी ब्रा साइज

विभिन्न ब्रांड के बीच साइज अलग-अलग हो सकता है। लेकिन बुनियादी मापदंड द्वारा आप घर पर ही अपनी ब्रा का सही नाप ले सकती हैं।

अपनी ब्रा का साइज पता करने से पहले यह जानना आवश्यक है कि ये 32B, 28C, 34A साइज का क्या मतलब होता है? 

तो आपको बता दें कि 28, 30, 32, 34 ये आपके ब्रेस्ट के नीचे की पसलियों का साइज होता है और इसे बैंड साइज कहते हैं। उसके बाद ये A,B,C,D ब्रेस्ट साइज होता है इसे कप साइज भी कहा जाता है। इसमें A छोटा और D बड़ा साइज होता है।

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बैंड साइज कैसे मापें?

अपना बैंड साइज मापने के लिए मेज़रिंग टेप लें और अपनी ब्रा के उस हिस्से को रैप करें जहां ब्रा-कप खत्म होते हैं यानी ब्रा का निचला हिस्सा। ध्यान रहे कि टेप बिल्कुल फिट हो, पीछे से ढीला या मुड़ा हुआ न हो। 

अगर यह नाप एक ऑड नंबर यानी विषम संख्या हो तो आपको अपने नाप से नीचे और ऊपर दोनों प्रकार के साइज़ की ब्रा को पहनकर देखना चाहिए |

अगर आपका नाप पहले से ही एक इवन नंबर यानी सम संख्या है तो भी आपको अपने शरीर के प्रकार के आधार पर छोटे या बड़े साइज़ की ज़रूरत पड़ सकती है |

आपको बता दें कि चार जोड़ने” वाली विधि 1930 में वारनेर्स के द्वारा लोकप्रसिद्ध की गयी थी, जिस समय ब्रा के निर्माण की शुरुआत की गयी थी और आधुनिक ब्रा के समान उनमें काम नहीं किया जाता था।

वह तरीका भी जान लें : मेज़रिंग टेप लें और अपनी पसलियों के चारों ओर लपेटकर नाप लें । ध्यान रहे कि टेप बिल्कुल फिट हो, पीछे से ढीला या मुड़ा हुआ न हो।

टेप पर जो नम्बर आपको प्राप्त हुआ वह यदि इवन नंबर है तो उसमें 4 ओर जोड़ें, यह आपका बैंड साइज़ है। अगर ऑड नंबर है, जैसे 29, 31 इत्यादि, तो इसमें 5 जोड़े। 

उदाहरण के तौर पर जैसे अगर आपका माप 29 निकला तो आपका बैंड साइज़ 29+5=34 होगा।

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ब्रा कप साइज कैसे नापें?

अपनी ब्रा का बैंड साइज नापने के बाद अब आप मैजरिंग टेप की मदद से ब्रा कप साइज भी नापें। 

मुड़ें, जिससे आपकी छाती जमीन के समान्तर हो जाये। ऐसा करने से आप अपने पूरे ब्रैस्ट टिश्यू का नाप ले पायेंगी, सिर्फ खड़े होने की स्थिति में आप केवल बाहर निकले हुए हिस्से को ही नापेंगी।

अपने ब्रैस्ट के पूरे हिस्से पर फीता लपेटें। और टेप पर जो नंबर प्राप्त हुआ उसे नोट करें।

ध्यान रहे कि फीते से बिल्कुल सीधा नाप लें। यह आपकी पीठ से कुछ इंच नीचे नहीं होना चाहिए अन्यथा वह आपका गलत नाप होगा।

अपना कप साइज जानने के लिए आपको अपने ब्रेस्ट-साइज़ में से बैंड-साइज को को घटाना है।

यहां समझें, अगर आपकी ब्रेस्ट साइज 32 है और बैंड साइज़ 31 है तो दोनों का अंतर 1 इंच है जिसका मतलब आपके कप का साइज A है। इसी तरह अगर अंतर 2 इंच है तो आपका कप साइज B है, 3 इंच है तो C है और यह अंतर 4 इंच है तो आपका कप साइज D है।

1 इंच से कम= AA

1 इंच (2.5 सेंटीमीटर) = A

2 इंच (5 सेंटीमीटर) = B

3 इंच (7.5 सेंटीमीटर) = C

4 इंच (10 सेंटीमीटर) = D

5 इंच (12.5 सेंटीमीटर) = DD

6 इंच (15 सेंटीमीटर) = DDD (यूके साइज़ में E)

7 इंच (18 सेंटीमीटर) = DDDD/F (यूके साइज़ में F)

8 इंच (20.5 सेंटीमीटर) = G/H (यूके साइज़ में FF)

9 इंच (23 सेंटीमीटर) = I/J (यूके साइज़ में G)

10 इंच (25.5 सेंटीमीटर) = जे (यूके साइज़ में GG)

चार जोड़ने वाली विधि के अनुसार आप सीधी खड़ी हो जाएँ। अपने ब्रैस्ट के पूरे हिस्से पर फीता लपेटें। और टेप पर जो नंबर प्राप्त हुआ उसे नोट करें। अपना कप साइज जानने के लिए आपको अपने ब्रेस्ट-साइज़ में से बैंड-साइज को घटाना है।

दोनों विधियों में ब्रेस्ट-साइज और बैंड-साइज के बीच का अंतर आपके कप साइज़ को दर्शाता है।

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क्या आप सही ब्रा साइज पहन रही हैं

  • सही ब्रा का मतलब है कि ब्रा बैंड यानी ब्रा की हुक लगाने वाली पूरी पट्टी बिल्कुल फिट हो और पीठ के बीच में हो।
  • अगर आप कुछ काम करने के लिए अपना हाथ उठाती या घुमाती हैं तो बैंड ऊपर की तरफ न चढ़े, अगर बैंड ऊपर की तरफ जा रहा है तो आपने अपने साइज से बड़ी ब्रा पहनी है।
  • सामने से भी बैंड आपकी बॉडी से अलग न हो। इस बात का भी ख्याल रखें कि ब्रा-स्ट्रैप और आपके कंधों के बीच एक उंगली की जगह हो, हम आमतौर पर यही समझते हैं कि स्ट्रैप से ही ज्यादा सपोर्ट मिलता है जबकि स्ट्रैप सिर्फ 20% सपोर्ट देते हैं।
  • दोनों स्ट्रैप्स पीठ पर या तो पैरेलल यानी समांतर हों या फिर वी-शेप में हों, यदि वे ए-शेप बना रही हैं तो स्ट्रैप बहुत टाइट है और आप गलत साइज़ की ब्रा पहन रही हैं।

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ब्रा के प्रकार

ब्रा विभिन्न आकारों और प्रकारों में आती हैं, जो अलग-अलग उद्देश्यों की पूर्ति करती हैं। आप इन्हें अपने बूब्स साइज और ड्रेस के हिसाब से चुन सकती हैं…

  • बैंडो ब्रा :- हेवी स्तनों वाली महिलाओं के लिए यह ब्रा होती है। यह मार्केट में पैडेड और नॉन पैडेट दोनों ही किस्मो में आसानी से मिल जाती है।
  • बालकोनेट ब्रा :- यह ब्रा आपके स्तनों को पूरा कवर नहीं करती है। यह उन्हें ऊपर की ओर लिफ्ट करती है, जिससे ये काफी उभरे हुए नजर आएं और आप सेक्सी दिखें।
  • बिल्ट-इन ब्रा :- यह सिंगल ब्रा की तरह नहीं होती है। ऐसी ब्रा के कप किसी बनियान या फिर स्पैगटी में लगे हुए होते हैं। आजकल ज्यादातर महिलाएं इसे टॉप की तरह इस्तेमाल कर रही हैं।
  • कंवर्टिबल ब्रा :- इसे आप मल्टीपल पर्पस ब्रा भी कह सकती हैं क्योंकि इसका इस्तेमाल काफी तरीके से किया जा सकता है। इस ब्रा के स्ट्रैप्स निकाले भी जा सकते हैं और इसमें आप अपनी सुविधानुसार जैसे ट्रांसपैरेट, लेसदार स्ट्रैप्स लगा भी सकती हैं।
  • फुल कप ब्रा :- भारी स्तनों वाली महिलाओं के लिए यह ब्रा बेहतरीन ऑप्शन है। यह काफी सपोर्ट प्रदान करती है।
  • नर्सिंग ब्रा :- यह ब्रा विशेष रूप से स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए डिज़ाइन की गई है। अतिरिक्त सहायता और उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधा के अलावा, इस ब्रा में फ्लैप या ओपनिंग लेस भी हैं जिससे आप शिशु को आसानी से स्तनपान करा सकती हैं। इनका कपड़ा भी बहुत लचीला होता है, ताकि प्रेंगनेसी के बाद स्तन के आकार में आने वाले बदलाव का इसपर किसी भी प्रकार का प्रभाव न पड़े।
  • स्पोर्ट्स ब्रा :- यह ब्रा विशेषकर स्पोर्ट्स खेलने वाली महिलाओं के लिए डिजाइन की गई है। साथ ही जिम व एक्सरसाइज के लिए भी यह एकदम परफेक्ट ब्रा है।
  • पुश-अप ब्रा :- यह साधारण ब्रा से अलग दिखती है। दरअसल इस तरह की ब्रा आपके फिगर को सुडौल दिखाने का काम करती हैं। ये आपके ब्रेस्ट को ऊपर की तरफ उठाते हुए क्लीवेज को दर्शाती हैं। जिन महिलाओं का ब्रेस्ट साइज छोटा होता है उनके लिए पुश- अप ब्रा परफेक्ट ऑप्शन है।
  • प्लंज ब्रा :- यह बिल्कुल पुश-अप ब्रा की तरह ही होती हैं बस इनमें बीच में एक गहरा कट होता है ताकि इससे आपके क्लीवेज साफ- साफ दिखाई दें। ये ब्रा ज्यादातर लो कट ड्रेस के साथ पहनी जाती है।
  • स्टिक ऑन ब्रा :- जैसा इसका नाम है ठीक उसी तरह ही इसे पहना जाता है। इस तरह की ब्रा उन महिलाओं के लिए सही है जिनके ब्रेस्ट छोटे या फिर साधारण हैं। ये ब्रा दो कप के साथ आती है जिसे चिपकाया या स्किन से कसा जाता है।

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सिस्टर साइज़ का क्या मतलब है? 

अगर आप एक ऐसी ब्रा पहनती हैं जिसकी फिटिंग आपकी बिलकुल सही फिटिंग के नज़दीक हो लेकिन पूरी तरह से फिट न हो तो एक सिस्टर साइज़ को चुनें। 

अपने बैंड साइज़ से दो कम और कप साइज़ से एक ज्यादा साइज की ब्रा लें। उदाहरण के लिए, आप 36C से 34D तक जा सकतीं हैं।

अपने बैंड साइज़ से दो ज्यादा और कप साइज़ से एक कम साइज़ की ओर जाएँ | उदाहरण के लिए, आप 36C से 38B तक ले सकतीं हैं।

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कुछ शाॅपिंग टिप्स

  • ब्रा बैंड के आखिरी हुक को लगा कर चेक करें कि ब्रा ठीक है या नहीं ताकि आप ब्रा ढीली हो जाने पर भी उसे पहन सकें। अगर ब्रा खरीदते समय ढीली ब्रा लेती हैं तो आगे आपको परेशानी हो सकती है।
  • ब्रा अच्छी क्वालिटी की ही खरीदें।
  • ब्रा ऐसी जगह से खरीदें जहां आप उसे पहनकर ट्राई भी कर सकें। ध्यान रहे की ब्रा के कप से ब्रेस्ट ज्यादा बाहर न निकलें।
  • ऐसी ब्रा खरीदें जिसे पहनकर आप आराम से सांस ले सकें। अगर आप सांस सही से नहीं ले पा रही हैं तो आपकी ब्रा टाइट है।
  • रोजाना इस्तेमाल के लिए कभी भी सिंथेटिक फ्रैब्रिक वाली ब्रा न खरीदें। हमेशा काॅटन ब्रा ही खरीदें।
  • ब्रा का स्ट्रैप जरूर चेक कर लें। ऐसा स्ट्रैप नहीं होनी चाहिए जो आपके शोल्डर को दिक्कत दे।

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याद रखें

  • हर 3-6 महीने में अपनी ब्रा का साइज़ चेक करती रहें। हार्मोन परिवर्तन, प्रेगनेंसी, और वजन बढ़ने और घटने के कारण आपके ब्रैस्ट साइज में बदलाव हो सकता है। 
  • आपकी ब्रा की स्ट्रेप्स ज्यादा टाइट या  ढीली नहीं होनी चाहिए। स्ट्रेप्स एडजस्टेबल होनी चाहिए। 
  • ब्रा के कप आपकी दोनों ब्रेस्ट को सामने से और साइड से अच्छी तरह से ढक रहे हों ।
  • आपका ब्रा बैंड और सेंटर गोर बहुत टाइट नहीं होना चाहिए। ये आपके शरीर पर फ्लैट होने चाहिए।
  • ब्रा बैंड और स्टैप्स के नीचे 2 उंगलियां आसानी से अंदर जा सकें।

हमारा उद्देश्य आपको जानकारी देना है। सही ब्रा साइज या क्वालिटी जानने के लिए आप किसी एक्सपर्ट या प्रोफेशनल की मदद भी ले सकती हैं।

Jagdisha के साथ अपनी राय अवश्य सांझा करें।

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