पावरलिफ्टिंग और बाॅडीबिल्डिंग प्रतियोगिताओं में हिजाब पहनकर लेती है भाग

मजीज़िया बानू भारतीय पावरलिफ्टर और बाॅडीबिल्डर है। इनकी खास बात यह है कि वह पावरलिफ्टिंग और बाॅडीबिल्डिंग प्रतियोगिताओं में हिजाब पहनकर भाग लेती है।

मजीज़िया बानू मानती हैं कि महिलाओं को अपनी पूरी प्रतिभा का इस्तेमाल करना चाहिए और ऐसा वे अपनी सामाजिक पृष्ठभूमि या सांस्कृतिक मान्यताओं का पालन करते हुए भी कर सकतीं हैं।

वह अपने खेल की शुरुआत के दो वर्षों के अंतराल में ही साल 2017 में एशियन पावरलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल अपने नाम कर चुकी हैं।

साल 2018 में उन्होंने पावरलिफ्टिंग विश्व कप चैम्पियनशिप और विश्व डेडलिफ्ट चैम्पियनशिप में दोनों में गोल्ड मेडल जीता था।

मजीज़िया बानू को केरला पावरलिफ्टिंग असोसिएशन ने ‘स्ट्राॅन्ग वुमन ऑफ केरला’ की उपाधि से सम्मानित किया है। वह एक डेंटल सर्जन भी हैं ।

आइये जानते है ‘स्ट्राॅन्ग वुमन ऑफ केरला’ का सफर…

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परिचय

मजीज़िया बानू केरल के कोज़िकोड जिले के एक छोटे से गांव ओरकाट्टेरी से आती हैं। उनके पिता का नाम अब्दुल मजीद है और मां का नाम रजिया मजीद है।

2016 में कॉलेज के सेकेंड ईयर की छुट्टियों के दौरान उन्होंने और उनकी कुछ सहेलियों ने वोकेशनल कोर्स करने का निर्णय लिया । जहां उन सहेलियों ने अंग्रेज़ी और कम्प्यूटर सीखने का फ़ैसला किया, तो उन्होंने बॉक्सिंग क्लास जॉइन कर ली। उनके बॉक्सिंग कोच ने ही उन्हें पावरलिफ़्टिंग में अपनी किस्मत आजमाने की सलाह दी।

और इस तरह उन्होंने दंत चिकित्सा का अध्ययन करने के दौरन बॉक्सिंग क्लास लेने के बाद पावरलिफ्टिंग में अपना प्रशिक्षण शुरू किया। 

उनके माता-पिता और पति, नूर अहमद कोहन अलीज़ाई जो उस समय उनके मंगेतर ने भी उनका पूरा पूरा साथ दिया। फिर उन्होंने प्रतिस्पर्धा करने का फैसला किया। प्रशिक्षण शुरू करने के तुरंत बाद, उन्होंने जुलाई 2016 में कोज़िकोड जिला पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भाग लिया।

मजीज़िया बानू को हमेशा से खेल में रुचि रही है, उनके गांव में शायद ही कोई सुविधा उपलब्ध थी। लेकिन, इससे वह रुकी नहीं। डेंटल क्लास के बाद वह हर रोज दंगल के लिए 60 किलोमीटर दूर कोज़िकोड की यात्रा ट्रेन से किया करती थीं।

उन्होंने साथ ही माहे इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज से बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी पूरा किया है और एक डेंटल सर्जन है।

2021 में, वह बिग बॉस मलयालम सीजन 3 में एक प्रतियोगी रहीं।

आज, मजीज़िया बानू अपने गांव में कई अन्य लड़कियों के लिए एक प्रेरणा हैं। उनकी सफलता के बाद, गांव को अब अपना जिम मिला है।

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जब मिली सफलता 

मजीज़िया बानू छोटी-छोटी प्रतियोगिताओं का हिस्सा बनती रहीं, लेकिन असली सफलता उन्हें तब मिली जब उन्होंने 2017 को इंडोनेशिया में आयोजित एशियन पावरलिफ़्टिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। 

इस प्रतियोगिता में उनके अलावा 14 दूसरे देशों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था।

उनकी जीत का यह दौर यहीं नहीं रुका। 2018 में केरल में आयोजित बॉडी बिल्डिंग की प्रतियोगिता में उन्होंने ‘मिस्टर केरल’ महिला वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर अपना दम दिखाया।

2018 में ही कोच्चि में आयोजित महिलाओं की फ़िटनेस फिजीक प्रतियोगिता में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

केरल स्टेट पॉवरलिफ्टिंग एसोसिएशन द्वारा उन्हें राज्य की सबसे ताकतवर महिला के रूप में तीन बार चुना गया है।

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चुनौतियों का किया सामना

मजीज़िया बानू ने हिजाब पहनकर आर्म रेसलिंग को चुना। वह मुस्लिम परिवार से आती है।

शुरुआत में वह भी दूसरी महिलाओं की तरह अपने पहनावे को लेकर चिंतित थी, किन्तु जब उन्हें पता चला कि मिस्र की महिलाएं हिजाब में ही कसरत करती हैं, तो इसके लिए उन्होंने खुद को तैयार किया।

हिजाब पहनकर मजीज़िया आर्म रेसलिंग के लिए मैदान में उतरीं, तो उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। कुछ लोगों ने तो उनका उपहास उड़ाते हुए यह तक कहा कि वह अपना समय बर्बाद करने आयी हैं। 

यही नहीं कई स्पॉन्सर्स ने तो सिर्फ इसलिए उन्हें सपोर्ट करने से मना कर दिया, क्योंकि वह हिजाब पहनकर खेलती थीं। उनके हिसाब से अगर वे मजीज़िया को प्रमोट करेंगे तो उनकी कंपनी की छवि को नुक़सान पहुंचेगा।

पहले वह नकारात्मक कमेंट्स सुनकर रोने लगती थीं, पर अब उन्होंने इस तरह की टिप्पणियों को नज़रअंदाज़ करना सीख लिया है। उन्हें लगता है कि जब आप खेलों से जुड़ते हैं, तब खेल आपको जीवन की चुनौतियों का सामना करना भी सिखा देते हैं।

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हिजाब पहनकर प्रतियोगिता में उतरने का कारण

मजीज़िया बानू का मानना है कि केरल में कई ऐसी लड़कियां हैं, जिनमें बेहतरीन खिलाड़ी बनने की पूरी क्षमता है, लेकिन वे यह सोचकर अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल नहीं करतीं कि इसके लिए उन्हें अपनी संस्कृति और ड्रेसिंग के तौर-तरीक़ों के साथ समझौता करना होगा। इसलिए केवल वे इन कारणों के चलते अपनी प्रतिभा को ज़ाया न करें।

उनका मानना है कि हिजाब कभी भी अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित किसी भी जुनूनी महिला के लिए बाधा नहीं है और अगर कोई महिला अपने शरीर को दिखाने के लिए स्वतंत्र है तो उसे इसे ढकने के लिए भी स्वतंत्र होनी चाहिए। 

वह आर्म-रेसलिंग और पॉवरलिफ्टिंग की दुनिया में एकमात्र मुस्लिम महिला नहीं हैं, फिर भी उन्हें इस क्षेत्र में एक और महिला को देखना है जो हिजाब पहनकर भाग ले।

मजीज़िया बानू अनुसार उन्हें हिजाब पहनने पर गर्व महसूस होता है, जो उनकी पहचान का हिस्सा हैं । यह उन्हें किसी भी तरह से रोकता नहीं है बल्कि उन्हें गरिमा और ताकत देता है।

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियां

  • उन्होंने मई 2017 में इंडोनेशिया में आयोजित एशियाई पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में ओला पदक जीतकर अपनी अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों की शुरुआत की। 
  • उन्होंने दिसंबर 2017 में अलाप्पुझा, केरल, भारत में आयोजित एशियाई क्लासिक पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप (डेड लिफ्ट) में उसी वर्ष फिर से ओला पदक जीता। 
  • 2018 में उसने दो स्वर्ण पदक जीते – पॉवरलिफ्टिंग विश्व कप दिसंबर 2018 में विश्व चैंपियन में स्वर्ण पदक और दिसंबर 2018 में मास्को, रूस में आयोजित विश्व डेडलिफ्ट चैम्पियनशिप में एक स्वर्ण पदक।
  • उन्होंने पॉवरलिफ्टिंग वर्ल्ड कप दिसंबर 2018, मॉस्को, रूस में सर्वश्रेष्ठ भारोत्तोलक पुरस्कार जीता 
  • 2019 में वह फिर से विश्व चैंपियन बनीं – पॉवरलिफ्टिंग विश्व कप दिसंबर 2019, मॉस्को, रूस में विश्व चैंपियन में स्वर्ण पदक जीता।
  • अक्टूबर 2018 में अंताल्या, तुर्की में आयोजित विश्व आर्म कुश्ती चैंपियनशिप में उन्हें 6 वां रैंक मिला।
  • मॉस्को में आयोजित वर्ल्ड पावरलिफ्टिंग एसोसिएशन के वर्ल्ड कप में 2020 बेस्ट लिफ्टर अवॉर्ड मिला।

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राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर उपलब्धियां

  • मार्च 2017 में जम्मू और कश्मीर में आयोजित नेशनल अनइक्विप्ड पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता।
  • मई 2018 में लखनऊ, उत्तर प्रदेश में आयोजित राष्ट्रीय आर्म कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
  • अप्रैल 2018 में केरल के त्रिशूर में आयोजित केरल स्टेट आर्म कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
  • दिसंबर 2017 में कोल्लम, केरल में आयोजित ऑल केरल इंटरक्लब पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
  • अगस्त 2017 में केरल के त्रिवेंद्रम में आयोजित केरल राज्य पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। 
  • फरवरी 2017 में केरल स्टेट अनइक्विप्ड पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, जो केरल के चेरथला में आयोजित किया गया ।
  • फरवरी 2017 में केरल के चेरथला में आयोजित ‘स्ट्रॉन्ग वुमन ऑफ केरल 2017’ का खिताब जीता।
  • जुलाई 2017 में कन्नूर, केरल में आयोजित केरल राज्य पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 
  • जुलाई 2017 में कन्नूर, केरल में आयोजित केरल स्टेट अनइक्विप्ड पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
  • जुलाई 2017 में कन्नूर, केरल में आयोजित ‘स्ट्रॉन्ग वुमन ऑफ केरल 2017’ का खिताब जीता।
  • फरवरी 2018 में कोच्चि, केरल में आयोजित महिला मॉडल फिजिक 2018 के मिस केरल फिटनेस एंड फैशन 2018 में स्वर्ण पदक जीता। 
  • फरवरी 2018 में केरल के अलाप्पुझा में आयोजित केरल राज्य बेंच प्रेस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। 

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भविष्य की योजना

मजीज़िया बानू एक अकादमी खोलना चाहती है, जहां मार्शल आर्ट्स, पॉवरलिफ्टिंग, आर्म-रेसलिंग और बॉडीबिल्डिंग सहित मल्टी-डिसप्लिनरी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे लड़कियों का पूरा सहयोग किया जाएगा।

उन्हें यह यकीन है कि वह अपने जुनून को पूरा करने और महिलाओं को सशक्त बनाने की अपनी इच्छा को पूरा करने में सक्षम हो पाएंगी।

अगर आप अपनी पूरी क्षमता लगा अपनी प्रतिभा को निखारने का प्रयास करें, तो आपकी सफलता निश्चित है। महिला होने के नाते बस आपको सामाजिक रीतियों, अवरोधों और कठिनाइयों से घबराकर रूकना नहीं है।

Jagdisha मजीज़िया बानू हमारी शुभकामनाएं है कि आप अपने लक्ष्य और सफलताओं की ओर हमेशा अग्रसर रहें।

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