शारीरिक दुर्बलता को मात देते हुए बनीं सफल सीईओ और निवेशक

Life Story of Successful Business Woman Radhika Gupta

हमारा सारा अस्तित्व या हमारी सारी हस्ती सिर्फ एक बात पर निर्भर करती है कि हम खुद को किसकी नज़र से देखते हैं। संसार आपके अंदर की कमियां या बुराइयां ही दिखाकर आपके अंदर के हौंसले को तोड़ देना चाहता है लेकिन ये हम पर निर्भर करता है कि हम उनकी दिखाई हुई कमियों को देखकर शर्मसार होते रहें या उनकी दिखाई हुई कमियों को अपने हौंसले या अपने मनोबल से तोड़कर आगे बढ़ कर दिखाएं कि हम लड़ सकते हैं हर उस कमी से जो हमारे हौंसले को कमज़ोर करेगी।

बचपन से ही उनकी गर्दन झुकी हुई है जिस कारण कई बार उन्हें तरह तरह के मजाक का सामना करना पड़ा। 7 बार जॉब रिजेक्शन मिले, जिससे हौसला डगमगाया और आत्महत्या करने का विचार भी आया। लेकिन जिनके इरादों में मजबूती होती है, वे अपनी हार में भी प्रयत्नशील रहते हैं। और अपनी मंजिल को पा कर ही दम लेते।

राधिका गुप्ता ने यह साबित कर दिया की शारीरिक विकलांगता केवल एक मानसिकता भर है। अगर आपके विचार ऊंचे है और आप में काबिलियत है, तो आप स्वयं निर्णायक है।

राधिका गुप्ता एडलवाइस म्यूचुअल फंड की प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) हैं। 

वह SonyLiv पर प्रसारित होने वाले रियलिटी शो शार्क टैंक ऑफ इंडिया सीजन 3 में एक जज एवम् निवेशक के रूप में नजर आईं।

आइए जानते हैं राधिका गुप्ता की कठिनाइयों और जॉब रिजेक्शन से एक सीईओ का सफर…

प्रारम्भिक जीवन 

राधिका गुप्ता का जन्म 14 सितम्बर 1983 में इस्लामाबाद पाकिस्तान में हुआ। उनके पिता राजनयिक योगेश गुप्ता भारतीय विदेश सेवा आधिकारी के रूप में कार्यरत थे। जिस कारण वह कई महाद्वीपों में पली बढ़ी।

उनकी मां आरती गुप्ता स्कूल प्रिंसिपल हैं। उनका पैतृक निवास गंगोह, उत्तर प्रदेश है।

जन्म संबंधित कुछ जटिलताओं के कारण राधिका गुप्ता की गर्दन मुड़ी हुई रह गई।

वह अपने परिवार के साथ एशिया (भारत और पाकिस्तान), अफ्रीका (नाइजीरिया), अमेरिका,  यूरोप (इटली) जैसे चार महाद्वीपों में रहीं।

शिक्षा 

राधिका गुप्ता की प्रारम्भिक शिक्षा मेरिमाउंट इंटरनेशन स्कूल, रोम से शुरू हुई।

अपनी उम्र के साथ बढ़ती राधिका गुप्ता अपने सहपाठियों की तरह खेलों और अन्य पारंपरिक गतिविधियों में भाग नही ले पाती थीं।

नाइजीरिया में रहते हुए उन्होंने अमेरिकन इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई की। उनके सहपाठी अमीर परिवारों से थे, और उन्हें घुड़सवारी जैसे महंगे शौक थे। 13 वर्षीय राधिका गुप्ता ने माता पिता के समझाने पर महंगे खेल छोड़ ब्रिज नामक खेल में रूचि दिखाई।

नाइजीरिया में अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान उन्हें एक प्रकार की सांत्वना सी मिली जिससे उन्हें वहां असहजता महसूस होती।

उन्होंने प्रबंधन और प्रोद्योगिकी में जोरोम फिशर प्रोग्राम, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त की।

उन्होंने कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग एंड अप्लाइड साइंस में बीएससी पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग से की। और साल 2005 में, उन्होंने पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय द व्हार्टन स्कूल से अर्थशास्त्र विज्ञान में स्नातक डिग्री प्राप्त की।

आजीविका

राधिका गुप्ता अपनी झुकी हुई गर्दन के कारण संकोच करती। लेकिन समय के साथ उन्होंने अपनी खामियों को स्वीकार करना सीख लिया। 

22 साल की उम्र में उनका 7वीं नौकरी का आवेदन खारिज किया गया। जिसके बाद उन्होंने आत्महत्या करने का सोच लिया।

उनके बढ़ते अवसाद (depression) के कारण उन्हें मनोरोग वार्ड में ले जाया गया।

एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था, कि मैकिंसे जॉब इंटरव्यू में वरिष्ठ अधिकारी द्वारा उनका साक्षात्कार लगभग 90 मिनट का रहा। और उस दौरान 85 मिनट तक केवल ब्रिज के बारे में बात हुई। वरिष्ठ साथी डायना स्वयं ब्रिज चैम्पियन थीं, जिन्होंने कई टर्नामेंट्स में भाग लिया था। 13 साल की उम्र से ब्रिज खेलने वाली युवा लड़की से आकर्षित होकर उन्होंने राधिका गुप्ता को जॉब पर रखा।

राधिका गुप्ता के करियर की शुरुआत माइक्रोसॉफ्ट, मैकिंसे एंड कंपनी से हुई। उन्होंने एक्यूआर कैपिटल मैनेजमेंट में भी अंतराष्ट्रीय निगम के रूप में कार्य किया।

25 साल की उम्र में वह भारत आ गईं। साल 2009 में, फोरफ्रोंट कैपिटल मैनेजमेंट नाम से उन्होंने अपने पति और मित्र के साथ मिलकर अपनी एसेट्स मेनेजमेंट फार्म की सह – स्थापना की।

उनकी कंपनी को वर्ष 2014 में एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड द्वारा अधिग्रहित किया गया।

राधिका गुप्ता एडलवाइस मल्टी स्ट्रेटजी फंड्स मेनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की प्रमुख के तौर पर कार्यरत थीं। उनकी रणनीतिक दिशा तय करने, निवेश, बिक्री और वितरण की भूमिका थीं।

उन्होंने 2016 में एंबिट अल्फा फंड के अधिग्रहण और जेपी मॉर्गन म्यूचुअल फंड के अधिग्रहण में सहायता दी। और 2017 में जेपी मॉर्गन म्यूचुअल फंड का निरीक्षण किया और एडलवाइस में इसका एकीकरण किया। 

उन्होंने एडलवाइस को एक मजबूत खुदरा वित्तीय ब्रांड बनाने में महत्तवपूर्ण योगदान दिया।

साल 2017 में, 34 वर्ष की उम्र में राधिका गुप्ता एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ के रूप में कार्यरत हुईं। 

उन्होंने 2019 में, भारत का पहला कॉरपोरेट बॉन्ड एक्सचेंज (ETF) ट्रेडेड फंड पेश किया।

उन्होंने 31 मार्च 2017 में एसेट्स अंडर मैनेजमेंट ₹6.5 करोड़ से 31 जनवरी 2023 में ₹1.20 लाख करोड से अधिक की उल्लेखनीय वृद्धि में अपना योगदान दिया।

साल 2020 में उन्हें एमडी और सीईओ पद के लिए पदोन्नत किया गया।

राधिका गुप्ता एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स (AMFI) के बोर्ड की प्रभावशाली व्यक्ति रहीं। वह 2021 से 2023 तक लगातार दो कार्यकाल की उपाध्यक्ष रहीं। उन्होंने अपनी अंतर्दृष्टि और नेतृत्व से औद्योगिक विकास और नवाचार में सहायता की।

उन्होंने न केवल परिवर्तनशील और ग्राहक समाधान पर जोर देकर बाजार में स्थान बनाया है बल्कि एडलवाइस म्यूचुअल फंड को शीर्ष स्तरीय प्रदर्शनकर्ता के रूप में जगह बनाने में मदद की है। एडलवाइस मार्च 2017 में 30वें रैंक पर था तो सितम्बर 2023 में 13 स्थान पर पहुंच गया।

उनकी किताब “लिमिटलेस: द पॉवर ऑफ अनलॉकिंग योर ट्रू पोटेंशियल” हैचेट (Hachette) द्वारा प्रकाशित की गई है।

रियलिटी शो में आईं नजर 

राधिका गुप्ता SonyLiv के रियलिटी शो शार्क टैंक ऑफ इंडिया, सीजन-3 में निवेशक के रूप में नजर आईं।

शो में उन्होंने उद्यमिता के प्रति अपने जुनून को साझा किया और उभरते व्यवसायों में निवेश किया।

उन्होंने ट्वीट कर यह साझा किया कि शार्क टैंक शो से जुड़ने से उन्हें व्यक्तिगत क्षमता से उभरते नए व्यवसायों का समर्थन करने के लिए उत्साह और प्रतिबद्धता मिली।

उनकी प्रामाणिकता और कहानी कहने की कला ने ऑनलाइन गहरा प्रभाव डाला। उनके वीडियो “द गर्ल विद ए ब्रोकन नेक” को 301k से अधिक बार देखा गया।

व्यक्तिगत जीवन

राधिका गुप्ता ने नलिन मोनिज संग शादी की। उनका एक बेटा है, जिसका नाम रेमी मोनिज है।

राधिका गुप्ता कार्यक्रमों और पॉडकास्ट के माध्यम से लोगों को वित्तीय शिक्षा प्रदान करती हैं।

राधिका गुप्ता अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को देती हैं। जिन्होंने उन्हें प्रेरित किया और ऊंची उड़ान भरने के लिए पंख दिए।

उनके पिता यूपी के गांव में पले बढ़े और अपनी सिविल सेवा परीक्षा में 7वें रैंक पर आए। उनके पिता की उन्हें सलाह थी, कि हर पीढ़ी को गरीबी से बाहर निकलने के लिए एक लम्बी छलांग लगानी होगी। 

उनकी मां की शिक्षा भी उन्होंने हमेशा याद रखी, उनकी मां ने उन्हें खुद के प्रति सच्चा होने की सलाह दी।

सम्मान

  • उन्हें इकोनॉमिक्स टाइम्स 40 अंडर 40 बिजनेस लीडर अवॉर्ड 2021 से सम्मानित किया गया।
  • उन्होंने लिंक्डइन टॉप वॉइस इन इंडिया 2021 और फाइनेंस एंड इकॉनमिक 2020 जैसे पुरस्कार जीतें।
  • वह वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा यंग ग्लोबल लीडर 2022 अवॉर्ड से सम्मानित की गईं।
  • वह कंफेडरेशन ऑफ इन्डियन इंडस्ट्री द्वारा सीआईआई यंग वुमन लीडर ऑफ द ईयर 2022 पुरस्कार की विजेता हैं।
  • उन्हें फोर्ब्स इंडिया की ओर से फोर्ब्स वुमन पॉवर – सेल्फ मेड वुमन 2022 अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
  • उन्हें 2019 और 2021 में बिजनेस टुडे मोस्ट पावरफुल वुमन इन इंडिया बिजनेस अवॉर्ड का सम्मान दिया गया।
  • वह फॉर्च्यून इंडिया 50 मोस्ट पावरफुल वुमन इन इंडिया 2020 से सम्मानित की गईं।
  • उन्हें गवर्नमेंट ऑफ महाराष्ट्र के द्वारा द इंपैक्ट क्रिएटर अवॉर्ड 2021 से सम्मानित किया गया।
  • उन्हें बिजनेस बुक ऑफ ईयर, सेल्फ हेल्प (लिमिलेस) के लिए फिक्की (FICCI) पब्लिशिंग अवॉर्ड 2023 से नवाजा गया।

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